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वर्षा ऋतु में जलजनित मौसमी बीमारियों की रोकथाम के उपाय

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वर्षा ऋतु में जलजनित मौसमी बीमारियों की रोकथाम के उपाय
खंडवा 28 जुलाई, 2025 – 
वर्षा ऋतु में संक्रामक रोग जैसे हैजा, उल्टी-दस्त, पैचिस, खसरा, मलेरिया, पीलिया जैसी बीमारियां अधिक होती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ओ.पी. जुगतावत ने बताया कि नदी, तालाब जैसे जल स्त्रोतों के आसपास लोग मल त्याग करते हैं, तो मल में मौजूद रोगाणु पानी में मिल जाते हैं। जब इस पानी का उपयोग खाने या पीने के लिए किया जाता है, तो यह रोगाणु मनुष्य शरीर में प्रवेश कर जाता है, जिससे दस्त, हैजा, टायफाईड, पीलिया, खूनी पैचिस, तथा पेट में कृमि बीमारी तथा आंव दस्त जैसी कई बीमारियां होती हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जुगतावत ने नागरिकों को सलाह दी है कि वर्षा ऋतु में जल जनित रोगों से बचाव के लिए हमेशा शुद्ध जल का प्रयोग करें। पानी को हमेशा छानकर उपयोग में लाएं। पीने के पानी को दोहरे कपड़े से छानकर और ढंक कर रखें। उन्होंने बताया कि दस्त रोग होने पर ओ.आर.एस. पैकेट एक लीटर स्वच्छ व शुद्ध पानी को घोलकर रोगी को पिलाना शुरू कर देना चाहिए। चौबीस घण्टे के अन्दर यह घोल अधिक से अधिक मात्रा में पिलाना चाहिए तथा 24 घण्टे के बाद बचा हुआ घोल फेंककर दूसरे पैकेट का घोल बनाना चाहिए। दूध पीने वाले शिशु का दूध बंद नहीं करना चाहिए। दस्त के साथ उल्टियां शुरू होने पर शीघ्र ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता या चिकित्सक को बताकर उपचार लेना चाहिए। ओ.आर.एस. पैकेट सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता के पास निःशुल्क उपलब्ध रहते हैं।

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